आर्यावर्त न्यूज़ नेटवर्क
एनसीएल परियोजना लगातार कोयला डीजल कबाड़ को लेकर आए दिन सुर्खियां बटोरता रहता है बता दें कि एनसीएल में भ्रष्टाचार को रोकने बंद करने को लेकर आए दिन सीबीआई की छापामारी होती रहती है जिसमें भ्रष्ट घूसखोर अधिकारी का चेहरा सामने आता है एक ऐसी ही अधिकारियों की लापरवाही और सीएसआर के फंड को किस प्रकार खर्च किया जाता है जिसका कोई फायदा नहीं होता और सीएसआर के फंड को अनायास तरीके से खपत कर दिया जाता है। खड़िया परियोजना और कृष्णशीला परियोजना द्वारा इस मामले में चर्चाओं में है
एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा दशकों पूर्व बनाया गया बिना सुविधा जनक मैरिज हाल, खंडहर में तब्दील
एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा बीते तकरीबन 10 वर्ष पूर्व सीएसआर के फंड से खड़िया बाजार में मैरिज हाल बनाया गया था जिससे ग्रामीणों में मैरिज हाल बनाए जाने को लेकर काफी खुशी भी जाहिर की गई थी लेकिन अब वह पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है बनाए गए मैरिज हाल में शौचालय की सुविधा तक नहीं शौचालय में पैन तो लगा है पर निकास नहीं है टंकी तो है पर पानी की सुविधा नहीं यहां तक कि बिजली को भी कोई सुविधा नहीं। कई लाख की लागत से बने इस मैरिज हाल में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण लोग के किसी उपयोग में नहीं आ रहा है वहीं दूसरी तरफ एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा भरपूर तरीके से सीएसआर फंड का पड़े पैमाने पर खर्च कागजों में दिखाकर क्षेत्रवासियों के लिए उपयोगिता बता डाली है सूत्रों की माने तो एसएसआर फंड से किए गए खर्च की जांच कराई गई तो बड़े पैमाने पर घोटाला निकल कर सामने आ जाएगा।
स्थानीय भाजपा नेता ने मैरिज हाल को दुरुस्त कराए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर उठाई आवाज
बनाए गए मैरिज हाल को लेकर स्थानीय भाजपा युवा नेता कौशल पटेल ने मैरिज हाल की दुर्दशा का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर खंडहर हो चुके मैरिज हाल को दिखाते हुए जल्द से जल्द दुरुस्त कराने की मांग की है। जिससे क्षेत्रवासियों के लिए मैरिज हाल उपयोग में आ सके।
कृष्णशीला परियोजना ने करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए सुलभ शौचल, हैंड ओवर से पहले चोरों ने उड़ाए पानी टंकी, अब खंडहर में तब्दील
एनसीएल कृष्णशीला परियोजना द्वारा सुलभ शौचल के नाम पर सीएसआर फंड से कागजों में करोड़ों रुपए की लागत से क्षेत्र में अलग अलग कई स्थानों पर खर्च कर चुके है। बता दें कि 2018 19 में परियोजना द्वारा सीएसआर फंड से सुलभ शौचल बनाया गया है बनने के बाद अब तक उसका उद्घाटन भी नहीं किया गया है ना ही लिखित रूप से स्थानीय ग्राम प्रधान (जन प्रतिनिधि) को हैंड ओवर किया गया है जिसके पहले ही बनाए गए सुलभ शौचल पर पानी का टंकी मौजूद है और ना ही ताला अब हालात ये है कि बिना किसी उपयोग के खंडहर में तब्दील हो चुका है। अब ऐसे जब सुलभ शौचल जनता के उपयोग में नहीं तो आखिरकार किस उपयोग के लिए बनाया गया है सुलभ शौचल। इस मामले में भी अगर विभागीय जांच कराई गई तो घूसखोर अधिकारी के चेहरे सामने आयेगे।