शक्तिनगर| एनटीपीसी सिगरौली परियोजना के आवासीय परिसर में स्थिति अवध पेट्रोल पम्प का विवादों से पुराना नाता रहा है, लेकिन बार बार शिकायत के बावजूद जिम्मेदार मौन है जिससे विभागीय अधिकारी, पेट्रोल पम्प मालिक जहाँ मालोमाल हो रहें हैं वही उपभोक्ताओं के जेब पर डाका डाला जा रहा है| मंगलवार को सीमा से सटे एक व्यक्ति ने अपने मोटरसायकिल पेट्रोल लेने के लिए पंहुचा उसकी मोटरसायकिल में पांच लीटर के बजाय आठ लीटर पेट्रोल, पेट्रोल पम्प कर्मी ने डाल दिया और उसे बिल भी दे दिया शंका होने पर उसने सेल्स मैन से शिकायत की सेल्स मैन ने लोगों की मौजूदगी में पाइप से टंकी का पूरा पेट्रोल निकाल कर नापा गया तो पांच लीटर ही पेट्रोल निकला जिससे हंगामा हो गया किसी तरह सेल्स मैन ने ले देकर मामला शांत किया| प्रश्न यह उठता है की जब मशीन ऑटोमेटीक है तो पेट्रोल कम कैसे निकला इसका मतलब है की पम्प मालिक द्वारा छेड़छाड़ किया गया है| यह कोई पहला मामला नही है बीते 25 फरवरी को एक स्कूटी में साढ़े चार लीटर की जगह छ लीटर पेट्रोल डाल दिया गया उस मामले में हंगामा होने पर पुलिस भी पहुचे गई थी वहाँ तो पुलिस ने कहा की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी लेकिन जब रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई तो पुलिस उलटे भुक्तभोगी को ही हड़काकर मामला रफा दफा कर दिया

इसके पहले पेट्रोल में पानी निकला था उसमें भी पुलिस ने मामले को ले देकर मामला रफा दफा कर दिया ऐसी दर्जनों बार घटना होने के बावजूद जिम्मेदार मौन है जिससे इस मॅहगाई में उपभोक्ताओं के जेब पर डाका डाला जा रहा है| जब इस सम्बन्ध में आपूर्ति अधिकारी निर्मल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहाकि वाट माप विभाग में इसकी शिकायत कीजिये वही सोनभद्र के सेल्स ऑफिसर से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नही हो सका ऐसे में कब तक आम आदमी अपनी जेब खाली करता रहेगा| वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल टंकी के मैनेजर द्वारा मध्यप्रदेश में चलने वाली तमाम छोटे टैंकरों को पर्याप्त मात्रा में डीजल देकर मध्य प्रदेश सरकार को हर महीने तकरीबन करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।









