रिपोर्टर – अनिल कुमार अग्रहरी
सोनभद्र। जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने अपनी मां को अंधविश्वास के नाम पर हो रहे अत्याचार से बचाने के लिए खुद 13 किलोमीटर पैदल चलकर थाने पहुंची। पुलिस से इंसाफ की गहार लगाई।
“साहब, मेरी मां को डायन कहते हैं”
थाने पहुंचते ही बच्ची फूट-फूटकर रो पड़ी और पुलिसकर्मियों से बोली – “साहब, मेरी चाची मां को डायन कहती है, गालियां देती है और मारती है। मैंने विरोध किया तो मुझे भी पीटा गया।” बच्ची की मासूम अपील सुनकर पुलिसकर्मी भी स्तब्ध रह गए। बच्ची ने सारी घटना लिखित में पुलिस को सौंपी
चाची और पट्टीदार करते हैं प्रताड़ित
बताया जा रहा है कि बच्ची की चाची और कुछ पट्टीदारों ने अंधविश्वास के चलते उसकी मां को ‘डायन’ करार दे दिया। इसके बाद से वे लगातार उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। बच्ची जब मां को बचाने आगे आई, तो उसे भी पीट दिया गया। घटनाओं से आहत बच्ची ने किसी को कुछ बताए बिना घर से निकलने का फैसला किया। वह 13 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके दुद्धी कोतवाली पहुंची।
पुलिस ने दिलाया भरोसा
दुद्धी कोतवाली पहुंचकर बच्ची ने पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने पहले उसे ढांढस बंधाया और फिर कार्रवाई का भरोसा दिया। बच्ची द्वारा लिखित शिकायत पत्र भी लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है और जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे।










सख्त से सख्त कार्रवाई हो ऐसे करते वालों को किसी भी हाल बकसना नहीं चाहिए