सोनभद्र। सोनभद्र के अनपरा थाना अंतर्गत अनपरा तापीय परियोजना में अब सीएसआर का बजट कम पड़ने लगा है जिसके वजह से अनपरा तापीय परियोजना के उच्च अधिकारियों द्वारा सावन माह में मेला लगवाने के नाम पर चार से पांच लाख की वसूली की जाती है जिसमें सूत्रों की माने तो जीएम से लेकर कई बड़े अधिकारी और कर्मचारी कमेटी के नाम पर पैसा लेकर आपसी सहमत से उस पैसे की बंदरबाट कर ली जाती है

और सूत्रों की माने तो बताया जाता हैं कि हर साल सावन में लगने वाला मेला कई ठेकेदारों द्वारा अपना अपना दाम बढ़चढ़ कर बताते है और और जिसकी सबसे अधिक की बोली होती है यानी जो सबसे ज्यादा पैसा देगा उसे ही मेले का ठेकेदार बनाया जाता है और वह पैसा किस मद में और कहा खर्च किया जाता है इसका कोई हिसाब नहीं देता है इस मामले पर जब परियोजना अधिकारी से सवाल पूछने ने लिए फोन किया जाता है और सवाल किया जाता है तो अपने आप को अत्यधिक बिजी बताकर फोन काट दिया जाता है और अब ऐसे में अधिकारियों को हुए बंदरबाट का पोल खुलने का डर सता रहा है। आखिरकार सवाल यही है कि इतने सालों से लगाने वाले मेले का ठेकेदार द्वारा दिया जाने वाला पैसा किस मद में किस तरह और कहा प्रयोग किया जाता है और वह किसकी जेब में जाता है। बिना पूरी जानकारी के मेला समिति के दो पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि मेले के नाम पर वसूला गया पैसा रामलीला और रावण दहन में प्रयोग किया जाता है। जब सीएसआर के फंड की बात पूछी गई तो अपनी व्यस्तता बताकर फोन काट दिया गया। जबकि मेले ठेकेदार द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि 425000 रुपए में मेला लगाने की स्वीकृति समिति द्वारा दी गई है जिसमें अभी तक समिति को 210000 रुपए दिया जा चुका है। आखिरकार यह पैसा किसको दिया गया किस मद में और कहा खर्च किया जाता है कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है।








